भजन = क्या भरोसा है इस जिंदगी का,साथ देती नहीं है
किसी का
१ साँस रुक जायगी चलते चलते,समां बुझ जायगी
जलते जलते,दम निकल जायगा रौशनी का
क्या भरोसा है इस जिंदगी का,साथ देती नहीं है
क्या भरोसा है इस जिंदगी का,साथ देती नही किसी का
२ ये दुनिया हकीकत पुरानी,इसमें थी जो इसकी रवानी,नाम रह जायगा आदमी का
क्या भरोसा है इस जिंदगी का,साथ देती नहीं है किसी का
२ ये दुनिया हकीकत पुरानी,इसमें थी जो इसकी रवानी,नाम रह जायगा आदमी का
क्या भरोसा है इस जिंदगी का,साथ देती नहीं है किसी का
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