Monday, 27 February 2017

आरती = अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुड़े गाये आरती


आरती           अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुड़े गाये आरती
           ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
१         माता तेरे भक्त जनो पर भीड़,पड़ी है भारी,मैया भीड़ पड़ी है भरी
           दानव दल पर टूट पड़ा माँ करके सिंह सवारी,सौ सौ सिंघो से तू बलसाली
           दस भुजाओ वाली,तेरे ही गुड गए आरती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
           अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुड़े गाये आरती
२         माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,मैया बड़ा ही निर्मल नाता
          पूत कपूत सुने है माता,माता सुनी न कुमाता सबपे करुणा दरसाने वाली
          अमृत बरसाने वाली दुखियो के दुःख को निवारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती  

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