आरती = जय लक्ष्मि माता,मैया जय लक्ष्मि माता,तुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिन सेवत,हर विष्णु विधाता
ओउम जय लक्ष्मि माता
१ उमा रमा ब्रह्माणी,तुम ही जग माता,सूर्य चन्द्रमा ध्यावत , नारद ऋषि गाता ओउम जय लक्ष्मि माता
२ दुर्गा रूप निरंजन,सुख सम्पति दाता, जो कोई तुमको ध्याता ,रिद्धि सिद्धि धन पता,ओम जय लक्ष्मि माता
३ तुम पाताल निवाशनी,तुम ही सुभ दाता ,मैया कर्म प्रभाव प्रकाशिनी,भव निधि की त्राता,ओम जय लक्ष्मि माता
४ जिस घर में तुम रहती,सब सद्गुण आता,सब संभव हो जाता,मन नहीं घबराता,ओम जय लक्ष्मि माता
५ तुम बिन यज्ञ न होवे,वस्त्र न कोई पाता ,खान पान का वैभव,सब तुमसे आता,ओम जय लक्ष्मि
६ सुभगुड मंदिर सुंदर,घीरोदधि जाता,रतन चतुर्दस तुम बिन ,कोई नहीं पाता,ओउम जय लक्ष्मि माता
महालष्मी की आरत जो कोई नर गता,उर आनंद समाता,पाप उतर जाता ,ओम जय लक्ष्मि माता
जय लक्ष्मि माता,मैया जय लक्ष्मि माता,तुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिन सेवत,हर विष्णु विधाता
ओउम जय लक्ष्मि माता
ओउम जय लक्ष्मि माता
१ उमा रमा ब्रह्माणी,तुम ही जग माता,सूर्य चन्द्रमा ध्यावत , नारद ऋषि गाता ओउम जय लक्ष्मि माता
२ दुर्गा रूप निरंजन,सुख सम्पति दाता, जो कोई तुमको ध्याता ,रिद्धि सिद्धि धन पता,ओम जय लक्ष्मि माता
३ तुम पाताल निवाशनी,तुम ही सुभ दाता ,मैया कर्म प्रभाव प्रकाशिनी,भव निधि की त्राता,ओम जय लक्ष्मि माता
४ जिस घर में तुम रहती,सब सद्गुण आता,सब संभव हो जाता,मन नहीं घबराता,ओम जय लक्ष्मि माता
५ तुम बिन यज्ञ न होवे,वस्त्र न कोई पाता ,खान पान का वैभव,सब तुमसे आता,ओम जय लक्ष्मि
६ सुभगुड मंदिर सुंदर,घीरोदधि जाता,रतन चतुर्दस तुम बिन ,कोई नहीं पाता,ओउम जय लक्ष्मि माता
महालष्मी की आरत जो कोई नर गता,उर आनंद समाता,पाप उतर जाता ,ओम जय लक्ष्मि माता
जय लक्ष्मि माता,मैया जय लक्ष्मि माता,तुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिन सेवत,हर विष्णु विधाता
ओउम जय लक्ष्मि माता
No comments:
Post a Comment